12 फ़रवरी को रविदास जयंती के कारण बैंक और स्कूल रहेंगे बंद

रविदास जयंती भारत में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह संत रविदास जी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। 2025 में यह पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन कई राज्यों में बैंक और स्कूलों की छुट्टी घोषित की जाती है।

रविदास जयंती का महत्व

संत रविदास एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे और उन्होंने समाज में समानता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। रविदास जयंती को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं, जिसमें भजन-कीर्तन, प्रवचन और शोभायात्राएं शामिल हैं।

क्या 12 फरवरी को बैंक और स्कूल रहेंगे बंद?

12 फरवरी 2025 को रविदास जयंती के अवसर पर कई राज्यों में बैंक और सरकारी स्कूल बंद रहेंगे। यह अवकाश विशेष रूप से उन राज्यों में लागू होता है जहां रविदास जयंती एक सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित की गई है। निजी स्कूलों और कार्यालयों में भी इस दिन अवकाश दिया जा सकता है, लेकिन यह उनकी नीतियों पर निर्भर करता है।

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किन राज्यों में रहेगा अवकाश?

रविदास जयंती के दिन मुख्य रूप से निम्नलिखित राज्यों में अवकाश रहता है:

  • उत्तर प्रदेश
  • पंजाब
  • हरियाणा
  • मध्य प्रदेश
  • दिल्ली
  • राजस्थान
  • बिहार

इन राज्यों में बैंक, सरकारी कार्यालय और स्कूलों में अवकाश रहेगा। हालांकि, निजी संस्थानों में अवकाश उनकी नीतियों के अनुसार तय किया जाता है।

बैंक हॉलिडे पर क्या होगा प्रभाव?

12 फरवरी को बैंक बंद रहने से कुछ महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं:

  • बैंकिंग सेवाएं: बैंक बंद होने से नकद जमा, चेक क्लीयरेंस और अन्य बैंकिंग कार्यों में देरी हो सकती है।
  • ऑनलाइन बैंकिंग: हालांकि इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन किसी भी प्रकार के ऑफलाइन कार्य अगले कार्यदिवस पर ही पूरे किए जाएंगे।
  • स्टॉक मार्केट: जिन राज्यों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है, वहां स्टॉक मार्केट पर भी इसका असर पड़ सकता है।

स्कूलों में अवकाश और परीक्षाओं पर असर

रविदास जयंती के कारण सरकारी स्कूलों में छुट्टी रहेगी, जिससे छात्रों को एक दिन की अतिरिक्त राहत मिलेगी। अगर किसी स्कूल में परीक्षा चल रही होती है, तो परीक्षा की तिथि में बदलाव हो सकता है। कई निजी स्कूलों में भी इस अवसर पर अवकाश दिया जाता है।

रविदास जयंती का उत्सव और प्रमुख आयोजन

इस दिन विभिन्न मंदिरों और गुरुद्वारों में विशेष पूजा और कीर्तन आयोजित किए जाते हैं। लोग संत रविदास जी की शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। पंजाब और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। वाराणसी में संत रविदास जी के जन्म स्थान पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। इस दौरान भक्तजन गुरबाणी और भजन गाते हैं।

रविदास जयंती के मौके पर कई धार्मिक संस्थाओं और संगठनों द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। उनके अनुयायी इस दिन उनके जीवन और विचारों पर आधारित संगोष्ठियों का आयोजन करते हैं।

रविदास जी की शिक्षाएं और उनके प्रमुख विचार

संत रविदास जी ने समाज में भक्ति, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। उनके प्रमुख विचारों में शामिल हैं:

  • जात-पात से ऊपर उठकर सभी को समान समझना।
  • ईश्वर की भक्ति में समर्पित रहना।
  • कर्म को सबसे महत्वपूर्ण मानना।
  • प्यार, अहिंसा और सच्चाई का पालन करना।

उन्होंने अपने दोहों और कविताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। उनका सबसे प्रसिद्ध दोहा है:

“मन चंगा तो कठौती में गंगा।”

जिसका अर्थ है कि यदि व्यक्ति का मन शुद्ध है, तो उसे कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं, वह वहीं पर ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।

रविदास जयंती का आध्यात्मिक और सामाजिक प्रभाव

संत रविदास जी ने समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कार्य किया। उन्होंने छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई और लोगों को समानता का पाठ पढ़ाया। उनकी शिक्षाओं का प्रभाव आज भी समाज में देखने को मिलता है।

निष्कर्ष

रविदास जयंती न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह सामाजिक समानता और सद्भावना का संदेश भी देती है। 12 फरवरी 2025 को कई राज्यों में बैंक और स्कूलों में अवकाश रहेगा, जिससे लोगों को इस विशेष अवसर को मनाने का अवसर मिलेगा।

यदि आप इस दिन किसी बैंकिंग या अन्य महत्वपूर्ण कार्य की योजना बना रहे हैं, तो पहले से ही इसकी तैयारी कर लें।

रविदास जी के विचार आज भी हमें एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। आइए, हम सब मिलकर उनकी शिक्षाओं को अपनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।

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