पूर्व RBI Governor Shaktikant Das बने PM Narendra Modi के प्रधान सचिव

सरकार ने शनिवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर और सेवानिवृत्त IAS अधिकारी Shaktikant Das को PM Narendra Modi का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया। दास, जो वित्तीय और मौद्रिक नीति दोनों में अनुभव रखने वाले पहले प्रधान सचिव हो सकते हैं, इस पद पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

भारत सरकार ने शनिवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर Shaktikant Das को प्रधानमंत्री Narendra Modi का प्रधान सचिव-2 नियुक्त किया। यह नियुक्ति उनके RBI में छह साल के सफल कार्यकाल के बाद हुई, जिसमें उन्होंने मौद्रिक नीति, ऋण और विदेशी मुद्रा बाजारों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के नियमन की देखरेख की।

नियुक्ति की शर्तें

कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा 22 फरवरी को जारी एक नोट के अनुसार, “उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगी या अगले आदेश तक जारी रहेगी, जो भी पहले होगा।”

आर्थिक चुनौतियों के बीच महत्वपूर्ण नियुक्ति

Shaktikant Das की यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापार युद्ध, रुपये की अस्थिरता और आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। वे वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं, जिससे उन्हें राजकोषीय और मौद्रिक नीति दोनों की गहरी समझ है।

शक्तिकांत दास की नियुक्ति पर आधिकारिक घोषणा

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया:
“कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी, जो भी पहले होगा।”

वित्तीय क्षेत्र में गहरी पकड़

दास ने वित्त मंत्रालय और RBI दोनों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्हें वित्तीय बाजारों के नियामक पहलुओं की अच्छी समझ है और वे सरकार की विकास नीतियों और मुद्रास्फीति नियंत्रण के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौतियों से परिचित हैं।

RBI गवर्नर के रूप में कार्यकाल

  • दास, बिमल जालान के बाद पहले ऐसे RBI गवर्नर थे, जिन्हें छह साल का कार्यकाल मिला। उनका कार्यकाल दिसंबर 2024 में समाप्त हुआ।
  • उन्होंने वित्त मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें बजट विभाग में एक प्रमुख अधिकारी के रूप में भी शामिल थे।
  • 2016 में नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन की ज़िम्मेदारी उन्हीं पर थी, जिसके चलते वे उस समय सरकार का मुख्य चेहरा बने रहे।
  • 2017 में 15वें वित्त आयोग के सदस्य और G20 शेरपा के रूप में भी कार्य किया।
  • 2018 में उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे के बाद उन्हें RBI गवर्नर नियुक्त किया गया था।

महामारी और आर्थिक सुधार में भूमिका

कोविड-19 महामारी के दौरान RBI गवर्नर के रूप में उन्होंने

  • रेपो रेट 125 बेसिस पॉइंट तक घटाया, जिससे आर्थिक पुनरुद्धार में मदद मिली।
  • कंपनियों के लिए लोन मोरेटोरियम और पुनर्गठन पैकेज की घोषणा की।

हालांकि, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की गई। उनकी अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा 6 दिसंबर 2024 को हुई थी, जिसमें रेपो रेट 6.50% पर स्थिर रखा गया।

2016 की नोटबंदी और शक्तिकांत दास की भूमिका

  • जब 2016 में मोदी सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की थी, तब दास आर्थिक मामलों के सचिव थे।
  • उन्होंने सरकार के निर्णय का सार्वजनिक रूप से बचाव किया और नोटबंदी से जुड़े नियमों में बदलाव की जानकारी लोगों तक पहुँचाई।
  • उन्होंने RBI के साथ मिलकर नोटबंदी की रणनीति बनाने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई।

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सुधार

  • जब वे RBI गवर्नर बने, तब बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (GNPAs) 10.8% थीं, लेकिन उनके प्रयासों से मार्च 2024 तक यह 2.8% तक आ गई।
  • उन्होंने IL&FS संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव जैसी चुनौतियों का सामना किया और अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए पारंपरिक और नवाचारशील नीति उपायों का उपयोग किया।

सरकार और RBI के बीच संतुलन

RBI और सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद थे, जैसे:

  1. सरप्लस फंड के ट्रांसफर पर विवाद – उनके कार्यकाल में RBI ने 1,76,051 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर किए।
  2. ऋण पुनर्गठन और बैंकों के खराब कर्जों पर नीति – सरकार नरमी चाहती थी, लेकिन दास ने कड़े मानकों को बनाए रखा।

RBI गवर्नर के रूप में कार्यकाल

  • 2018 में जब RBI और सरकार के बीच मतभेद बढ़ रहे थे, तब शक्तिकांत दास को भारतीय रिज़र्व बैंक का 25वां गवर्नर बनाया गया।
  • वे पिछले तीन दशकों में पहले ऐसे RBI गवर्नर थे, जो अर्थशास्त्री नहीं थे।
  • उनके कार्यकाल में भारत की मौद्रिक नीति, बैंकिंग सुधार और वित्तीय स्थिरता पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
  • वे 15वें वित्त आयोग के सदस्य और G20 शेरपा भी रह चुके हैं।

निष्कर्ष

Shaktikant Das की PM Narendra Modi के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्ति एक महत्वपूर्ण निर्णय है। उनके पास वित्तीय और मौद्रिक नीतियों का गहरा अनुभव है, जिससे वे आर्थिक चुनौतियों का समाधान निकालने में सहायक होंगे। आने वाले समय में उनकी भूमिका भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास नीति को आकार देने में अहम होगी। 🚀

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